PFI और SDPI के 100 से अधिक सदस्य हिरासत में, दिल्ली, यूपी समेत आठ राज्यों में छापेमारी

राष्ट्रीय समाचार

टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के निर्देश पर देश की दूसरी एजेंसियों ने एक बार फिर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। आठ राज्यों में छापेमारी के दौरान 100 से अधिक पीएफआई के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है। बता दें कि जिन राज्यों में छापेमारी की जा रही है उनमें दिल्ली, यूपी, कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्यप्रदेश के नाम शामिल हैं।

कर्नाटक से SDPI यादगिरि जिला अध्यक्ष सहित 75 से अधिक पीएफआई और एसडीपीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। पूरे राज्य में पुलिस की छापेमारी चल रही है। सभी के खिलाफ धारा 108, 151 सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

कर्नाटक के अलावा असम से भी पीएफआई से जुड़े चार लोगों को कल नगरबेरा इलाके से हिरासत में लिया गया। पीएफआई के खिलाफ जिले के कई हिस्सों में छापेमारी अभी भी जारी है। इस बात की जानकारी असम के एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने  दी है।  इससे पहले, असम पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं के 11 नेताओं और दिल्ली से एक नेता को गिरफ्तार किया था।

यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान में राज्य भर में छापेमारी में एक दर्जन से अधिक PFI नेताओं को हिरासत में लिया है।

दिल्ली के निजामुद्दीन, शाहीन बाग इलाके सहित दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में PFI से जुड़े स्थानों पर केंद्रीय एजेंसी और दिल्ली पुलिस द्वारा संयुक्त छापेमारी चल रही है। 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी से कड़ी पूछताछ की जा रही है।

महाराष्ट्र में नासिक पुलिस ने पीएफआई से जुड़े दो लोगों को  गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। मालेगांव कस्बे में भी छापेमारी जारी है।

बता दें कि बीते गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। वहीं महाराष्ट्र एटीएस ने राज्य से 20 लोगों को हिरासत में लिया था।

पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।  यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।


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