जमीन से निकले 77.50 लाख रुपये, नागपुर से चुराकर छत्तीसगढ़ में छिपाए; चोर फरार, पिता गिरफ्तार

राष्ट्रीय समाचार

नागपुर पुलिस ने 1 शातिर चोर के पिता को धर दबोचा है। ये चोर इतना शातिर है कि चोरी की घटना को अंजाम महाराष्ट्र में देता था और चोरी का सामान, जिसमें आभूषण और पैसे हुआ करते थे, उसे लेकर छत्तीसगढ़ चला जाता था। बता दें कि 2 दिन पहले नागपुर के मनकापुर में रहने वाले मनीष विजय कपाई के घर से ये चोर 77.53 लाख रुपये चोरी कर छत्तीसगढ़ भाग गया था। चोर ने ये सारे पैसे छत्तीसगढ़ में गड्ढा खोदकर छुपा दिए थे। आरोपी ने दो गड्ढे खोदकर चोरी की सारी रकम छत्तीसगढ़ के राजनांद गांव में छुपा दी थी।

नरेश अकालु महिलांगे नामक आरोपी का पुलिस को सुराग लगा कि वह राजनांद गांव का रहने वाला है। पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी तो वह पहले ही अपनी गर्लफ्रेंड के साथ फरार हो चुका था। पुलिस ने उसके पिता के पास से चोरी की 77.50 लाख रकम गड्ढे से खोदकर बरामद कर ली है। पुलिस ने नरेश के पिता अकालू दूधेराम महिलांगे को गिरफ्तार कर लिया है। नरेश और उसकी गर्लफ्रेंड को पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।

पुलिस ने बताया कि नरेश कुमार नागपुर में चोरी करने के बाद सारा माल लेकर अपने घर छत्तीसगढ़ चला जाता था, उसके पिता अंकालू को यह बात पता थी कि उसका बेटा चोरी करता है। नरेश के पिता चोरी की सारी जानकारी के बावजूद भी पुलिस को गुमराह करने का प्रयास करता रहा। पूछताछ के बाद पुलिस उसे पकड़कर नागपुर लाई। पुलिस को उम्मीद है कि फरार नरेश कुमार और गायत्री को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस ने खुफिया सूचना, सीसीटीवी फुटेज और फिंगरप्रिंट के आधार पर आरोपी नरेश कुमार का पता निकाला। जब पुलिस उसके घर छत्तीसगढ़ पहुंची तब तक वह घर से गायत्री के साथ कुछ नगदी लेकर फरार हो चुका था। उसके पिता से पूछताछ के बाद पता चला कि नकदी कमरे के अंदर गड्ढे में दबा कर रखी है। शातिर नरेश चोरी करता था और उसका पिता चोरी का माल गड्ढे में छुपाता था। नरेश के ऊपर वाहन चोरी और सेंधमारी के 26 से अधिक मामले दर्ज हैं।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर के साईं बाबा नगर निवासी मनीष विजय कपई की मेडिकल उपकरण बिक्री की कंपनी है। यह परिवार अमृतसर कुछ दिनों के लिए चला गया था। इसी दौरान किसी ने बंगले में प्रवेश कर 70 लाख रुपए नगद और आभूषण चुरा लिए थे। चोर ने 17 मई को कवाई के घर चोरी की, उसने कार भी चुराई, उसमें सवार होकर शराब के अड्डे पर गया और वहां से प्रेमिका पिंकी के कलमना स्थित घर गया। पिंकी को लेकर वह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव पहुंचा और रेलवे पटरी के पास उसने कार छोड़ दी। फिर यहां से पिता के घर पहुंचा और बोरी में रखे रुपए अलग-अलग किए और पिता के घर में गड्ढे खोदकर लाखों रुपए छुपा दिए।

मनकापुर पुलिस को महिलांगे के राजनांदगांव में कई लोगों से जुड़े होने का पता चला है। उसके पास पहुंचने पर पुलिस हैरान रह गई। अधिकांश लोग गरीब और मजदूर तबके के थे। उन्हें महिलांगे ने समय-समय पर रुपये दिए थे। उन्होंने उपचार, शादी-ब्याह, मकान के निर्माण आदि जरूरतें पूरी करने के लिए उससे पैसे लिए थे। इनमें से किसी ने भी महिलांगे को रुपये लौटाए नहीं थे। महिलांगे ने एक अपाहिज भिखारी को ₹50000 दिए थे। राजनंदगांव के कई लोगों के बीच उसकी मसीहा जैसी छवि बनी हुई थी। उसकी प्रेमिकाओं की फेहरिस्त भी काफी लंबी है।

 


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