सांसदों को पेठा खिलाकर कड़वाहट और मनमुटाव दूर करने की कोशिश

राष्ट्रीय समाचार

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने के बाद अब पार्टी ने सांसदों को ‘मिशन यूपी’ में लगाने जा रही है। इसी के तहत बुधवार रात को राज्य के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की बैठक दिल्ली में हुई। संसद सत्र के बीच 40 सांसद बैठक में शामिल हुए। सभी सांसदों को राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर समझाइश दी। बैठक में सांसदों को आगरे का पेठा देते हुए नसीहत भी दी गई कि आपसी कड़वाहट और मनमुटाव भूलकर संगठन के लिए एकजुट हो जाए। माना जा रहा है पार्टी ने आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जीत की राह में दिख रही दरारों को भरने का काम शुरू कर दिया है। 

बैठक में शामिल सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने अमर उजाला से कहा, भारतीय जनता पार्टी साल के 12 महीनें काम करने वाली पार्टी है। आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव है तो स्वाभाविक रुप से हमारी पार्टी की जो कार्यक्रम है उनके संदर्भ में सभी ने विस्तार से चर्चा की है। बूथ स्तर तक जो कार्यकर्ता है उनसे कैसे संपर्क हो। केंद्र और राज्य सरकार की जो योजनाएं वो आम जन तक कैसे पहुंचे ऐसे कई कार्यक्रमों को लेकर बैठक में चर्चा हुई है।

भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सभी नए मंत्रियों और पार्टी के सांसदों से अपने-अपने क्षेत्रों में दौरा करने के लिए कहा है। उन्होंने सभी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, शहरों के साथ गांवों में भी आशीर्वाद यात्राएं निकालें। खुली जीप में जनता के बीच में जाएं उनसे संवाद करें और उनकी समस्याओं को सुने और हल करें। इसके अलावा राज्य की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं की उपलब्धियां भी जनता तक पहुंचाए। वही ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों से चर्चा करें और उन्हें सरकार के नए कानून और योजनाओं की जानकारी भी दें। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक घंटे चली इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,  महामंत्री संगठन सुनील बंसल, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।

बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, सभी नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री 15 अगस्त के बाद अपने क्षेत्रों में जाएं। 16 से 18 अगस्त तक सभी नवनियुक्त मंत्री अपने क्षेत्रों में जाकर यात्राएं निकालें। वे अपनी संसदीय क्षेत्र के अलावा आसपास की तीन अन्य लोकसभा सीटों को भी यात्रा में कवर करें। यात्रा के बाद सभी सांसद अपने लोकसभा क्षेत्रों के बूथ, मंडल और विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार कार्यकर्ताओं की बैठक लें। इसमें सभी कार्यकर्ताओं की बातों को सुने और उनकी समस्याओं का निराकरण करें। वहीं कहीं अगर कोई छोटा-मोटा असंतोष है तो उसे भी दूर करने का प्रयास करें।

बैठक में शामिल केंद्रीय कानून राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने अमर उजाला से चर्चा करते हुए कहा, उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए सांसदों को कौन से कार्य करना है इस पर बैठक में विस्तृत चर्चा हुई है। जो भी नए मंत्री बने हैं उन्हें 16 से 18 अगस्त तक करीब 4 लोकसभा क्षेत्रों में आशीर्वाद यात्रा करने के लिए कहा गया है।

इस बैठक को लेकर बीजेपी ने पहले से ही उत्तरप्रदेश के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को दिल्ली में ही रहने को कहा था। संसद के मानसून सत्र को देखते हुए ये बैठक दिल्ली में रखी गई थी। इस बैठक में सांसदों को तीन-तीन क्षेत्रों के हिसाब से बुलाया गया था। पहले दिन 27 जुलाई को कानपुर-बुंदेलखंड, पश्चिम व ब्रज क्षेत्र के सांसदों को जबकि गुरुवार 29 जुलाई को अवध, काशी और गोरखपुर के सांसदों को बुलाया गया है। 

बैठक में सभी सांसदों को साढ़े चार साल में राज्य की योगी सरकार द्वारा किए गए कामों की ‘इरादे नेक, काम अनेक’ नाम से एक  बुकलेट भी दी गई। भाजपा ने बुकलेट में बताया है कि कोरोना काल में किस तरह गरीबों को मुफ्त राशन देकर केंद्र और राज्य सरकार ने उनकी मुश्किलें कम की है। केंद्र सरकार के ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन दिया जाना है। इसके साथ-साथ जून 2021 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य सरकार की मुफ्त राशन योजना भी लॉन्च की है। इसके अलावा केंद्र सरकार की योजनाओं से उत्तर प्रदेश का कितना विकास हुआ इसकी एक बुकलेट भी दी गई। वही सभी सांसदों को योगी आदित्यनाथ एवं विचार दर्शन नामक एक पुस्तक भी दी गई।

2017 में उत्तरप्रदेश की बागडोर संभालने के बाद यह पहला मौका है, जब दिल्ली में सीएम योगी और यूपी के सभी सांसदों की एक साथ बैठक हो रही है। बैठक में शामिल सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नाम न छापने के अनुरोध पर अमर उजाला से कहा कि, ‘जिस तरह से सरकार ने अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाया है, उसी तरह अब सांसदों को भी विधानसभा के प्रभारी बनाया जाएगा। सभी 62 सांसदों को अपने प्रभार वाले विधानसभा को जिताने की जिम्मेदारी होगी। ऐसे में उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय देना होगा।’ 

दरअसल, माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार चुनाव में अपने कुछ विधायकों के टिकट काट सकती है। ऐसे में संभव है कि कुछ विधानसभा क्षेत्र में बगावत भी हो, ऐसी स्थिति में बगावती तेवर वाले विधायकों से निपटने की जिम्मेदारी भी सासंदों की होगी। बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी सांसदों को उनके जिले की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसका फायदा भी पार्टी को मिला है। इसी तर्ज पर बीजेपी 2022 की चुनावी जंग को फतह करने का खाका तैयार कर रही है।


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