मोदी मंत्रिमंडल में खत्म हुआ सहयोगियों का प्रतिनिधित्व, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें फिर तेज

राष्ट्रीय समाचार

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें एक बार फिर से तेज हो गई हैं। दरअसल पासवान के निधन के बाद मोदी कैबिनेट में सहयोगियों का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है। हालांकि चर्चा नवरात्र में मंत्रिमंडल विस्तार की है, मगर संभावना जताई जा रही है कि पीएम बिहार चुनाव के बाद अपने मंत्रिमंडल का बड़ा विस्तार करेंगे।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपनी दूसरी पारी में अपेक्षाकृत छोटी टीम (57 सदस्य) से शुरुआत की थी। तब चर्चा थी कि जदयू, अपना दल जैसे दलों को जगह न मिलने के कारण पीएम जल्द अपनी टीम का विस्तार करेंगे।
इसी बीच शिवसेना कोटे के केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत और उनके बाद अकाली दल कोटे की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया। इसी दौरान रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। इस प्रकार टीम मोदी में इस समय महज 53 सदस्य बचे हैं, जबकि पीएम अपनी टीम में 81 सदस्य रख सकते हैं।
एनडीए का आकार छोटा मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व खत्म
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में एनडीए का आकार छोटा हुआ है। शिवसेना, अकाली दल, आजसू समेत कुछ और छोटे दलों ने एनडीए से नाता तोड़ा है। दूसरी पारी में पीएम ने अपने तीन सहयोगियों को कैबिनेट तो एक को राज्यमंत्री का पद दिया था।

इसमें से कैबिनेट के तीनों पद अलग-अलग कारणों से खाली हो गए। वर्तमान में सहयोगी दल से आरपीआई के रामदास अठावले ही बतौर राज्य मंत्री टीम मोदी में शामिल हैं।

टीम में कम मंत्रियों के कारण कई मंत्रियों पर काम का बोझ बेहद ज्यादा है। मसलन पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान एक से अधिक मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पासवान के निधन के बाद उपभोक्ता मामले की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे पीयूष गोयल के पास रेलवे और वाणिज्य दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी पहले से ही है।

मंत्रिमंडल विस्तार पर बीते दो महीने से लगातार मंथन हो रहा है। इसी मंथन के कारण भाजपा केंद्रीय संगठन की नई टीम की घोषणा लंबे समय तक अटकी रही। सूत्रों के मुताबिक सरकार में नवरात्र के दौरान विस्तार किए जाने पर मंथन हुआ था।

हालांकि बदली परिस्थितियों में पीएम संभवत: बिहार चुनाव तक इंतजार करना चाहेंगे। वह इसलिए कि पासवान की जगह उनके पुत्र चिराग को मंत्रिमंडल में जगह दी जानी है। जबकि लोजपा बिहार में एनडीए के इतर चुनाव मैदान में उतरी है।


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