भारत-चीन के बीच कमांडर स्तर की छठी बैठक शुरू, मोल्डो में हो रही है बातचीत
भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर सोमवार को लद्दाख के मोल्डो में कमांडर स्तर की छठी बैठक हो रही है। इस बैठक में पहली बार विदेश मंत्रालय से एक संयुक्त सचिव-रैंक वाले अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। इनका काम यह सुनिश्चित करना होगा कि वार्ता का परिणाम सकारात्मक निकले।
इसके अलावा, भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) में भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक प्रतिनिधि भी शामिल हुए हैं। बता दें कि दोनों सेनाओं के कॉर्प्स कमांडर-स्तर के अधिकारी अब तक पांच बार मिल चुके हैं, लेकिन लद्दाख सेक्टर में जारी गतिरोध को खत्म करने में नाकाम रहे हैं। इस कारण दोनों पक्षों द्वारा सीमा पर महत्वपूर्ण सैन्य निर्माण किया गया है।
दरअसल, बीते कुछ हफ्तों से चीन के हिस्से में आने वाला मोल्डो गैरिसन में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। जब से सीमा पर चीन का आक्रोश बढ़ा है, तब से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे हालात पर नजर रखे हुए हैं।
शनिवार को भारतीय सेना की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत आला अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक में ये तय किया गया था कि भारत की तरफ से चीन के सामने कौन-कौन से मुद्दे उठाए जाएंगे।
वहीं, सीमा पर जारी तनाव के बीच गुरुवार को सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे श्रीनगर और जम्मू कश्मीर के दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने राज्य की सुरक्षा स्थिति और सुरक्षा बलों के ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि एलएसी पर तनातनी और युद्ध की आशंका के मद्देनजर भारतीय सेना के हौसले पूरी तरह से बुलंद है। दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर से लेकर लद्दाख तक पूरी तरह तैयार है।