उपराष्ट्रपति पद के लिए आज होगी वोटिंग

राष्ट्रीय समाचार

देश के नए उपराष्ट्रपति पद के लिए शनिवार को मतदान होगा। NDA की तरफ से मैदान में जगदीप धनखड़ हैं और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा हैं। दोनों के बीच कोई कड़ी टक्कर नहीं है क्योंकि टीएमसी के रुख और विपक्ष में फूट के माहौल को देखते हुए मुकाबला बिल्कुल एकतरफा नजर आ रहा है यानी पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत सुनिश्चित लग रही है। विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम की घोषणा से पहले सहमति नहीं बनाने की कोशिशों का हवाला देते हुए मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा की है।

अस्सी वर्षीय अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम किया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS), आम आदमी पार्टी (AAP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अल्वा के समर्थन की घोषणा की है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी अल्वा का समर्थन किया है। अल्वा को अब तक मिले पार्टियों के समर्थन को देखते हुए अनुमान जताया जा रहा है कि उन्हें 200 के करीब मत मिल सकते हैं।

मतदान से एक दिन पहले अल्वा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि संसद के कामकाज को अगर प्रभावी बनाना है तो सांसदों को एक दूसरे के बीच विश्वास बहाली और टूट चुके संवाद को कायम करने के लिए रास्ते निकालने होंगे। अंतत: वह सांसद ही हैं, जो हमारी संसद का चरित्र निर्धारित करते हैं। समय आ चुका है कि एक दूसरे के बीच विश्वास बहाली और संसद की गरिमा को बहाल करने के लिए सभी दल साथ आएं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को अल्वा का समर्थन करने वाले सभी दलों के सांसदों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया था।

धनखड़ 71 वर्ष के हैं और वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी रही है। जनता दल (JDU), वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, अन्नाद्रमुक और शिवसेना ने धनखड़ का समर्थन करने की घोषणा की है और इनके समर्थन से NDA उम्मीदवार को 515 के करीब मत मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। धनखड़ ने शुक्रवार को अपने आवास पर भाजपा के सांसदों से मुलाकात की। इनमें सुशील कुमार मोदी, गौतम गंभीर, राज्यवर्धन राठौड़, राजेंद्र अग्रवाल भी शामिल थे।

संसद भवन में मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। इसके तुरंत बाद मतों की गिनती की जाएगी और देर शाम तक निर्वाचन अधिकारी द्वारा देश के नए उपराष्ट्रपति के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। उपराष्ट्रपति के रूप में एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है और नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को शपथ लेंगे।

लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं। इसमें मनोनीत सदस्य भी मतदान करने के पात्र होते हैं। संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा होगा। इस प्रणाली में, निर्वाचक को उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएं अंकित करनी होती हैं। इस चुनाव में खुले मतदान की कोई अवधारणा नहीं है और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में किसी को भी मतपत्र दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। वर्ष 1974 के नियमों में निर्धारित मतदान प्रक्रिया में यह प्रावधान है कि मतदान कक्ष में वोट पर निशान लगाने के बाद मतदाता को मतपत्र को मोड़कर मतपेटी में डालना होता है। मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन पर पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्र को रद्द कर दिया जाएगा।

धनखड़ यदि उपराष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं, तो यह एक इत्तेफाक ही होगा कि लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य के होंगे। वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वह राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं।


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