आज पांचवी बार भारत-चीन के बीच होगी सैन्य स्तर वार्ता, गतिरोध को हुए 90 दिन
भारत और चीन की सेनाएं आज वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीनी पक्ष में मोल्डो में कॉर्प्स कमांडर-स्तर की वार्ता करेंगे। यह वार्ता सुबह 11 बजे होगी। हालांकि पहले ऐसी खबर थी कि दोनों देशों के बीच होने वाली कमांडर स्तर की बातचीत टल गई है लेकिन भारत के दबाव के आगे चीन को झुकना पड़ा।
Armies of India and China to hold Corps Commander-level talks at Moldo on the Chinese side of Line of Actual Control today. In the meeting scheduled to start at 11am today, India side will focus on complete disengagement by China in the Finger area: Indian Army Sources pic.twitter.com/N9UzLHj3DX
— ANI (@ANI) August 2, 2020
भारतीय क्षेत्र वार्ता के दौरान फिंगर एरिया से चीनी सेना को पूरी तरह पीछे हटाने पर केंद्रीत होगा। यह जानकारी भारतीय सेना के सूत्रों ने दी है। चीन अब भी पैंगोंग त्सो और डेपसांग से पीछे हटने के संकेत नहीं दे रहा है। ऐसे में भारत की कोशिश उसे यहां से हटाने की कोशिश करने पर होगा। बता दें कि पिछले 13 हफ्तों से पूर्व लद्दाख में भारत और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है।
अब तक भारत और चीनी सेना के बीच चार बार कमांडर स्तर की वार्ता, भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच दो बार डब्ल्यूएमसीस की बैठक और अजीत डोभाल और वांग यी के बीच एक आभासी मुलाकात हो चुकी है। इससे पहले उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने बताया था कि जब तक यथास्थिति हासिल नहीं हो जाती तब तक सेना जमीन पर तैनात रहेगी।
सरकार के नीतिकारों का मानना है कि राजदूत सुन वीडॉन्ग ने शी जिनपिंग और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की उस मंशा को साफ किया है कि चीनी सेना पैंगोंग झील से नहीं हटने वाली है। पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेनानिवृत्त) वेद मलिक ने शुक्रवार को कहा था कि चीनी राजदूत के बयान ने एलएसी पर कोर कमांडर बातचीत से किसी प्रगति की उम्मीद को लगभग खत्म कर दिया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अगर चीन पैंगोंग से नहीं हटने पर वाकई आमादा है तो भारत के सामने दो विकल्प होंगे। पहला, सेना चीन के अगले पैंतरे को रोकने को वहीं जमी रहे। दूसरा, अपनी जमीन से चीनियों को भगाने के लिए जंग का रास्ता अपनाए।